बिकवाली का प्रभाव
हाल ही में आलोक अग्रवाल ने अक्टूबर में FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशकों) द्वारा की गई बिकवाली के संदर्भ में महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि इस महीने में बिकवाली की मात्रा काफी अधिक थी, जो कि निवेशकों के लिए एक संकेत हो सकता है। यह समझना आवश्यक है कि बाजार में दीर्घकालिक ग्रोथ वाले शेयरों में ही निवेश करना लाभप्रद हो सकता है।
निवेश की उपयुक्तता
अग्रवाल का कहना है कि हमें उन क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए जहां ग्रोथ की संभावना है। सही समय पर सही शेयरों में पैसा लगाना सबसे प्रभावी रणनीति है। उनकी राय में, यह सबसे अच्छा होगा कि निवेशक उन क्षेत्रों की पहचान करें जो भविष्य में विकसित हो सकते हैं एवं वहां पर अपनी पूंजी लगाएं।
ऑटो सेक्टर की प्रगति
ऑटो शेयरों पर बात करते हुए, आलोक अग्रवाल ने तीन वर्षों में टू-व्हीलर की प्रगति की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तब से अब तक इन वाहनों का मूल्यांकन महंगा दिखाई दे रहा है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी से निर्णय लेना चाहिए एवं इस क्षेत्र में आने वाले परिवर्तनों के प्रति सजग रहना चाहिए।